महू। डॉ. बी. आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय में डॉ. अम्बेडकर की जयंती महोत्सव का हिस्सा नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी भी बनने जा रहे हैं। 14 अप्रैल को बाबा साहब की 131वीं जयंती के अवसर पर डॉ. बी.आर. अम्बेडकर के जीवन और दर्शन पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में कैलाश सत्यार्थी का भी व्याख्यान होने जा रहा है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डी.के. शर्मा ने बताया कि 14 अप्रैल को बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में ‘बचपन बचाओ आंदोलन के प्रणेता’ कैलाश सत्यार्थी का विश्वविद्यालय में आगमन गौरव का विषय है। संगोष्ठी में सारस्वत अतिथि के रूप में राष्ट्रवादी विचारक सुनील जी आंबेकर, विशिष्ट अतिथि के रूप में पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर, धार सांसद छतरसिंह दरबार, इंदौर के सांसद शंकर लालवानी तथा म.प्र. संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर का भी सानिध्य प्राप्त होगा। इनके अलावा महाराष्ट्र, गोंडवाना तथा उत्तर प्रदेश से भारी संख्या में
प्रतिभागियों तथा विशिष्ट जन का आगमन जयंती तथा संगोष्ठी की प्रासंगिकता को उल्लेखित करते हैं। कोविड-19 के कारण पिछले दो वर्षों से जयंती का बड़ा सामूहिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हो सका। विश्वविद्यालय के सभी संकायाध्यक्ष, सदस्य, अधिकारी तथा कर्मचारी पूरी निष्ठा के साथ दायित्व निर्वहन कर रहे हैं। जयंती महोत्सव कार्यक्रमों की शुरुआत 13 अप्रैल से हो जाएगी जिसमें भाषण प्रतियोगिता, बाबा साहब की प्रतिमा के समक्ष दीपोत्सव तथा राष्ट्रीय संगोष्ठी शामिल है।
विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं उनसे रूबरू होंगे, उनके अनुभवों से कुछ सीखने का उन्हें मौका मिलेगा। बता दें कि नोबेल पुरस्कार मिलने के बाद ये उनका प्रथम आगमन होगा। गांधीवादी विचारक कैलाश सत्यार्थी ने अब तक 83000 से अधिक बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया है।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. डी.के. वर्मा ने तैयारियों को लेकर आयोजित की गयी बैठक में कहा टीम बनाकर दायित्व सौंपे गए हैं। लगभग सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी हैं। शेष कुछ कार्य जल्द ही पूरे कर लिए जायेंगे। विश्वविद्यालय परिवार जयंती महोत्सव मनाने हेतु उत्सुक है।
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